जब बात आती है नवरात्रि, हिंदू धर्म में नौ दिनों का प्रमुख उत्सव, जिसमें दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है की, तो कई सवाल दिमाग में उभरते हैं। नवरात्रि एक ऐसा समय है जब भक्त शक्ति, साहस और सामंजस्य की आदर्श भावनाओं को नवीनीकरण करते हैं। यह त्योहारी अवधि सामान्यतः शरद ऋतु (अश्विन महीने) में आती है, लेकिन वसंत नवरात्रि भी कुछ क्षेत्रों में मनाई जाती है। नवरात्रि का मुख्य सिद्धांत यह है कि दुर्गा के नौ स्वरूप – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रशेखर, कुपालवती, सलिलतिथी, कलाकार, सर्वेशी, दक्षिणा, सिद्धिदा – को क्रम‑क्रम से पूजित किया जाता है। इस क्रमबद्ध पूजा को ‘व्रत’ कहा जाता है, जो आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
उपलब्धियों को मनाने के साथ-साथ देवी दुर्गा, शक्ति की प्रमुख देवी, जिनके नौ रूप नवरात्रि में विशेष सम्मान पाते हैं का स्वरूप ही नवरात्रि के सभी अनुष्ठानों को संचालित करता है। हर दिन अलग‑अलग रूप की पूजा के साथ, भक्त, विचारी श्रद्धालु वर्ग जो नवरात्रि में स्नान, उपवास और मंत्रजाप करते हैं भी विशेष रीतियों का पालन करते हैं। उदाहरण के तौर पर, प्रथम दिन ‘शैलपुत्री’ की पूजा में शास्त्रीय शिल्प और विश्वास का अभिवादन किया जाता है, जबकि सातवें दिन ‘सर्वेशी’ की पूजा में सामुदायिक सेवा और परोपकार पर ज़ोर दिया जाता है। इन अनुष्ठानों में अक्सर स्थल, मंदिर, गुफा या घर के पूजा कक्ष जहाँ नवरात्रि के कार्यक्रम आयोजित होते हैं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। प्रत्येक स्थल पर ताली, ध्वज और रंग‑बिरंगे फूलों की सजावट मंदिर को एक अद्भुत माहौल प्रदान करती है, जिससे भक्त गहन ध्यान में प्रवेश कर पाते हैं।
भारत के विभिन्न हिस्सों में नवरात्रि का उत्सव अलग‑अलग रूप में पाया जाता है, पर सभी का मूल उद्देश्य एक ही रहता है – शक्ति की जीत और बुराई पर विजय। पश्चिमी भारत में इस त्योहारी को ‘व्रत’ कहा जाता है, जहाँ हर घर में ‘अग्नि’ के पास पवित्र ग्रीष्म जल को जलाकर अग्निकुंड बनाया जाता है। उत्तर में ‘धूप’ और ‘बोडी’ को प्रमुख बनाकर ‘ज्योतिर्मय वातावरण’ तैयार किया जाता है। बिहार‑उड़िया क्षेत्रों में नवरात्रि की धूमधाम ‘दुर्गा पूजा’ के रूप में होती है; यहाँ चार दिनों तक एक ही स्थान पर ‘भजन‑कीर्तन’ और ‘नृत्य समारोह’ आयोजित होते हैं। दक्षिण में ‘गुजिया’ और ‘बिकाचा’ की विशेषता है, जहाँ महिला कलाकार मिट्टी के ‘गुजिया’ में देवी दुर्गा के प्रतिमाएं बनाते हैं और उनका विसर्जन किया जाता है। इस तरह की विविधता नवरात्रि को सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि संस्कृति, कला और सामाजिक एकता का पुल बनाती है।
इन सब बातों को समझने के बाद आप नीचे दी गई लेखों और ख़बरों की सूची में नवरात्रि से जुड़ी नई‑नई जानकारी पा सकते हैं। चाहे आप त्योहारी इतिहास, पूजा विधि या विभिन्न राज्यों के रीति‑रिवाज़ों के बारे में पढ़ना चाहते हों, इस संग्रह में कई उपयोगी पृष्ठ हैं जो आपके सवालों का जवाब देंगे और आपके नवरात्रि के उत्सव को और भी खास बनाएंगे। अब आगे बढ़ते हैं और इन लेखों को एक-एक करके देखते हैं।
राजस्थान के सभी सरकारी स्कूल 26‑28 व 30 सितंबर 2025 को नवरात्रि‑दशहरा अवकाश के कारण बंद रहेंगे, जिससे 8 मिलियन से अधिक छात्र इस विशेष अवधि में भाग ले सकेंगे।
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