जब राजस्थान स्कूल शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि सभी सरकारी स्कूल 26, 27, 28 और 30 सितंबर 2025 को बंद रहेंगे, तो अभिभावकों ने तुरंत अपना कैलेंडर निकाला। यह फ़ैसला नवरात्रि और दशहरा‑छुट्टी के विस्तारित अवधि का हिस्सा है, जिससे लाखों विद्यार्थी आराम से त्यौहार‑मनाने के साथ‑साथ पढ़ाई‑तकनीक की तैयारी कर सकें।
यह निर्णय जैपूर में स्थित समग्र शिक्षा अभियान के पोर्टल पर प्रकाशित आधिकारिक कैलेंडर से पुष्टि किया गया है, और श्री अजय सिंह यादव, डायरेक्टर, स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे राज्य‑व्यापी लागू करने की घोषणा की।
परिचय: नवरात्रि‑दशहरा का सांस्कृतिक महत्व
नवरात्रि 2025, जो कि नवरात्रि 2025राजस्थान के रूप में दर्ज है, 22 सितंबर (सोमवार) को घाटस्थापना से शुरू होती है और पाँच दिनों तक चलती है। इसके बाद अष्टमी‑सप्तमी के दौरान महा अष्टमी (30 सितंबर) का विशेष महत्व है, और अंत में 2 अक्टूबर को दशहरा (विजयदशमी) मनाया जाता है, जिसका वही दिन दशहरा 2025राजस्थान के रूप में मान्य है। इस दौरान कई परिवार मंदिर‑जैसे मंडपों में इकट्ठा होते हैं, रंग‑बिरंगे परिधान पहनते हैं और पारम्परिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
शैक्षणिक कैलेंडर में परिवर्तन: किन तिथियों पर स्कूल बंद?
आरबीएसई ने 2025‑2026 के शैक्षणिक कैलेंडर में स्पष्ट रूप से कहा है कि 24 सितंबर से 5 अक्टूबर तक दशहरा‑छुट्टी का पूरा चरण है। इसका मतलब यह है कि 26 शुक्रवार, 27 शनिवार, 28 रविवार और 30 मंगलवार को स्कूल पूर्णकालिक बंद रहेंगे, जबकि 29 सोमवार (ज्यादातर जिले में सामान्य कार्य दिवस) को केवल कुछ प्रशासनिक कार्य किए जा सकते हैं। पुनः खुले का दिन 6 अक्टूबर (सोमवार) निर्धारित किया गया है, जिससे छात्रों को पुनः कक्षाओं में लौटने का पर्याप्त समय मिल सके।
स्थानीय स्तर पर अनुप्रयोग: राजस्थान के 33 जिलों में क्या हुआ?
जिलों‑दर‑जिला भिन्नताएँ अक्सर छोटी‑छोटी सूचनात्मक नोटिसों में दिखती हैं। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा और बीकानेर जैसे प्रमुख शहरों में स्कूल बंदी की घोषणा स्थानीय शिक्षा विभागों द्वारा तुरंत प्रसारित हुई। कई ग्रामीण जिलों में माता‑पिता ने यह स्पष्ट करने के लिए व्हाट्सएप समूह और स्कूल‑कम्युनिकेशन ऐप्स का उपयोग किया।
उदाहरण के तौर पर, जोधपुर के एक सरकारी स्कूल प्रधान ने बताया, “हमने छात्रों को घर पर विराम‑समय में पढ़ाई के लिए अतिरिक्त सामग्री दी है, ताकि वे छुट्टी के बाद भी तालमेल बनाए रखें।” इसी तरह उदयपुर के एक प्राथमिक स्कूल के शिक्षक ने कहा, “दशहरा‑छुट्टी में हम विद्यार्थियों को शिल्प‑कला और लोकगीतों का अभ्यास करवाएँगे, जिससे हमारी सांस्कृतिक धरोहर जीवित रहे।”
प्रतिक्रिया: अभिभावक, शिक्षक और राज्य के अधिकारियों की क्या राय?
अभिभावकों का अधिकांश समर्थन स्पष्ट था—“बच्चों को त्यौहार के माहौल में भाग लेने का अवसर मिलना चाहिए,” एक पिता ने कहा। दूसरी ओर, कुछ शिक्षकों ने चिंताएँ जताईं कि लंबे अवकाश से पाठ्यक्रम‑संपर्क में बाधा आ सकती है, विशेषकर बोर्ड‑परीक्षाओं की तैयारी में। इस पर राज्य ने टि‑परीक्षा‑सत्र‑पर्याप्त समय‑सुधार (टाइम‑टेबल एडजस्टमेंट) का प्रस्ताव रखा है।
रायहभंदर के अतिरिक्त, श्री अजय सिंह यादव ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हमारी प्राथमिकता विद्यार्थियों को सांस्कृतिक माहौल में भाग लेने के साथ‑साथ शैक्षणिक निरंतरता भी सुनिश्चित करना है; इसीलिए हम पुनः खोलने की तिथि को सावधानी‑पूर्वक निर्धारित किया है।”

व्यापक प्रभाव: शिक्षा‑परिदृश्य और सामाजिक जुड़ाव पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
लगभग 45,000 सरकारी स्कूलों में 8 मिलियन से अधिक छात्र इस बंदी से प्रभावित होंगे। यह संख्या राष्ट्रीय स्तर पर देखे जाने वाले स्कूल‑छुट्टी औसत से अधिक है, और इस वजह से राज्य के शैक्षणिक प्रबंधन को अस्थायी रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम, गृह‑अधारित परियोजनाएँ और अतिरिक्त पुनरावृत्ति सत्रों के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
समानांतर रूप से, स्थानीय व्यापारियों और मंदिर‑समुदायों को भी इस बड़े त्यौहार‑समय से आर्थिक और सामाजिक लाभ मिलता है। पड़ोसी राज्यों जैसे महाराष्ट्र और गुजरात में भी समान अवकाश की पुष्टि की गई है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के एकजुट उत्सव‑माहौल की संभावना बढ़ती है।
आगे क्या—अगली तिथियों की तैयारियां और भविष्य की योजना
6 अक्टूबर को स्कूलों के पुनः खुलने के साथ ही, आरबीएसई ने मध्य‑सत्रीय परीक्षा (MID) के शेड्यूल को पुनः व्यवस्थित किया है, जिससे छात्रों को अतिरिक्त दो‑तीन सप्ताह का पुनरावृत्ति समय मिल सके। इसके अलावा, राज्य में नई डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत का प्रस्ताव है, जो भविष्य में ऐसे बड़े अवकाश के दौरान सतत शिक्षा सुनिश्चित करेगी।
बहु‑वर्षीय शैक्षणिक योजना में अगले वर्ष के लिए भी नवरात्रि‑दशहरा अवकाश को उसी अवधि में रखा गया है, जिससे शिक्षकों और अभिभावकों को पूर्व‑निर्धारित योजना बनाने में सुविधा होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह छुट्टी किन किन कक्षा के छात्रों को प्रभावित करेगी?
राज्य के सभी सरकारी स्कूल – प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक (कक्षा 1 से 12) तक – इस अवकाश में शामिल हैं। निजी स्कूलों में अलग‑अलग समय‑सारिणी हो सकती है, इसलिए प्रत्येक संस्थान से पुष्टि आवश्यक है।
क्या इस अवधि में कोई अनिवार्य परीक्षा होगी?
नहीं। नवरात्रि‑दशहरा के दौरान सभी सरकारी स्कूलों में कोई लिखित परीक्षा नहीं होगी। हालांकि, कुछ स्कूल मौसमी आकलन या गृह‑कार्य जारी रख सकते हैं, जिससे निरंतर सीखने की प्रक्रिया बनी रहे।
अभिभावकों को कब तक अपने स्थानीय स्कूल से पुष्टि करनी चाहिए?
सिफ़ारिश की जाती है कि स्कूल‑प्रमुख या जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आधिकारिक नोटिस प्राप्त करने के बाद तुरंत पुष्टि कर ली जाए, क्योंकि कभी‑कभी जिले‑वार अतिरिक्त अनुदान या स्थानीय त्योहार‑समारोह के कारण तिथियों में छोटा‑सा बदलाव हो सकता है।
राज्य ने इस अवधि के दौरान डिजिटल शिक्षण के लिए क्या कदम उठाए हैं?
समग्र शिक्षा अभियान ने कक्षा‑स्तर के ऑनलाइन मॉड्यूल और इंटरएक्टिव वीडियो‑लेसन्स को प्राथमिकता दी है। शिक्षक प्रशिक्षण पोर्टल पर लाइव वेबिनार और अभिभावक‑मार्गदर्शिका उपलब्ध कराई गई है, जिससे घर पर सीखना आसान हो सके।
क्या दशहरा के बाद स्कूल तुरंत सामान्य समय‑सारिणी पर लौटेंगे?
हाँ, 6 अक्टूबर (सोमवार) से सभी सरकारी स्कूल पुनः सामान्य कार्य दिवस करेंगे। इससे पहले, लंच‑ब्रेक, कक्षा‑समय और परीक्षा‑शेड्यूल को पुनः व्यवस्थित करने के निर्देश जिला‑स्तर पर जारी किए जा रहे हैं।
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